आखिर सज़ा मिली अपराधी !! घर का तारा था जो दरिन्दगी का शिकार हुआ
घर का तारा था जो दरिन्दगी का शिकार हुआ
अपने घर का तारा पूरे घर का दुलारा था प्रद्युमन , आज उसके बिना घर काटने को दौड़ता है उसकी माँ जो बिना देखे रह नहीपाती देखे बिना उसके आंखों के तारे को छीन लिया एक दरिन्दगी ने
क्या इसमे स्कूल प्रशासन जिम्मेदार नही है जब स्कूल बच्चों को अच्छी देता स्कूल तो क्यों नही स्कूलों के staff को क्यूँ नही अछि शिक्षा दे पाता है
आज माता पिता किसी पर भी भरोसा नही कर पा रहा है क्या इसका जिम्मेदार स्कूल प्रशासन नही है
अगर स्कूलों ने अपनी तरफ से कोई भूल ना कि होती तो आज किसी की आँखों का तारा आंखों के सामने होता
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