Sexy Girl कि दर्द कि कहानी
Sexy Girl कि दर्द कि कहानी
इसे कहानी कहुं या एक असल ज़िंदगी की सच्चाई। कहने के लिए शब्द बहुत है लेकिन अल्फ़ाज़ रुक जाते है उसकी हर बात सोच कर। कुछ जुबान साथ नहीं देती है दिल थम सा जाता है जिसके साथ ऐसा हुआ उसने क्या क्या सहा होगा ये सोच कर।
यहाँ पर बात केवल एक लड़की की नहीं है बात पुरे समाज की है क्या एक समाज में सामान दर्जा केवल उनको उनके पसंद के कपडे पहनने देने से ही होगा उनके विचारो को अपनाने से नहीं हम एक तरह तो उनके अपने साथ बोलते है और दूसरी तरह उनको उनके इसी हालत पर छोड़ देते है
क्या है समाज
क्या है समाज। समाज वो है जिससे आप सहमत नहीं हो फिर भी आप उनके साथ हो दिखाई कोई नहीं देता फिर भी समाज प्रधान है हर किसी के लिए , क्यूँ किसी को अपनी मर्जी का करने से पहले समाज की दुहाई दी जाती है। आखिर इस समाज ने किसी को क्या दिया है बस दुसरो एक एक जंजीर में जकड़े रहने का जरिया , क्यों किसी को आगे बढ़ने में साथ नहीं देता समाज , क्यों किसी के साथ खड़ा नहीं होता है समाज।
हमें समाज के अकॉर्डिंग चलने की जरुरत नहीं है हमें आज समाज को अपने अकॉर्डिंग चलने की जरुरत है
हर एक लड़की को अपने साथ लेकर चलने की जरुरत है
सोचने वाली बात
आज जब कोई लड़की घर से बहार काम करने के लिए निकलती है तो उसके पीछे दस तरह की बातें बनाने वाले लोग होते है लेकिन वह लड़की किसी की परवा किये बीने अपने काम को करती चलती है कुछ लोग ऐसे है जो उसको आगे बढ़ने से मन कर देते है लेकिन वह लड़की फिर भी अपने करियर में आगे बढ़ जाती है
हमारे समाज के लोगो को उस लड़की से सिखने की जरुरत है न की उसको रोकने की जरुरत है
दोस्तों जब तक हम साथ नहीं चलेंगे तो देश आगे कहा से बढ़ेगा और कब ये देश विकाशसील देश बनेगा !
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